संभाषण कला के अंतर्गत आप वार्तालाप, व्याख्यान, वाद-विवाद, एकालाप, अवाचिक अभिव्यक्ति, हिंदी भाषा ज्ञान और मानक उच्चारण आदि पढ़ेंगे। 

साथ ही उद्घोषण कला, कमैंट्री, संचालन, वाचन कला, समाचार वाचन आदि के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी मिलेगी। 

यह पाठ्यक्रम व्यावहारिक दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण है। भविष्य में विद्यार्थी इसके सहारे विभिन्न क्षेत्रों में स्वतंत्र रूप में सूत्र संचालक, उद्घोषक, समाचार वाचक, कमैंटेटर भी बन सकते हैं।